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Showing posts from October, 2015

माँ पर शायरी

माँ पर शायरी मोहब्बत की बात भले ही करता हो जमाना मगर प्यार आज भी "माँ "से शुरू होता है -------------------------------------------- ऐ मेरे मालिक तूने गुल को गुलशन में जगह दी, पानी को दरिया में जगह दी, पंछियो को आसमान मे जगह दी, तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना, जिसने मुझे "..नौ.." महीने पेट में जगह दी....!! !!!माँ !!! -------------------------------------------- देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में, ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते! -------------------------------------------- कुछ इसलिये भी रख लिये.. एक बेबस माँ ने नवरात्रों के उपवास..! ताकि नौ दिन तक तो उसके बच्चे भरपेट खा सकें...!! -------------------------------------------- ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने.... तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल... मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल.... -------------------------------------------- कितना भी लिखो इसके लिये कम है। सच है ये कि " माँ " तू है, तो हम है ।। --------------------------

Sad Shayari - दर्द भरी शायरी

Sad Shayari - दर्द भरी शायरी  ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें, वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता -------------------------------------------------  तमाम उम्र उसी के ख़याल में गुजारी, मेरा ख़याल जिसे उम्र भर  नहीं आया   -------------------------------------------------  मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा… मैं एक उलझा लम्हा,  तू रूठा हुआ हालात मेरा -------------------------------------------------    तेरी यादों के सितम सहते हैं हम; आज भी पल-पल तेरी यादों में मरते हैं हम; तुम तो चले गए बहुत दूर, हमको इस दुनियां में तन्हा छोड़कर; पर तुम क्या जानो, बैठकर तन्हाई में किस कदर रोते हैं हम।   -------------------------------------------------  हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान ना लो; करके बेरुखी मेरी तुम जान ना लो; एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे; हमारी मौत का खुद पर इल्ज़ाम ना लो।    -------------------------------------------------    वादा करते तो कोई बात होती; मुझे ठुकराते तो कोई बात होती;

Sharaab - शराब

Sharaab -  शराब ग़म इस कदर बढे कि घबरा कर पी गया; इस दिल की बेबसी पर तरस खा कर पी गया; ठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़माना; मैं आज सब जहां को ठुकरा कर पी गया! ---------------------------------------------- यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं ​है ​मेरा​;​ ​​शराब से...​ इश्क की राहों में तन्हा मिली ​ तो;​​​ हमसफ़र बन गई.......​ ---------------------------------------------- कुछ तो शराफ़त सीख ले, ऐ इश्क!, शराब से.. बोतल पे लिखा तो है, मै जानलेवा हूँ... ----------------------------------------------

नूह नारवी

आप जिनके क़रीब होते हैं आप जिनके क़रीब होते हैं, वो बड़े ख़ुशनसीब होते हैं जब तबीयत किसी पर आती है, मौत के दिन करीब होते हैं मुझसे मिलना फिर आप का मिलना, आप किस को नसीब होते हैं जुल्म सह कर जो उफ्फ नहीं करते, उनके दिल भी अजीब होते हैं इश्क़ में और कुछ नहीं मिलता, सैकड़ों ग़म नसीब होते हैं 'नूह' की क़द्र कोई क्या जाने, कहीं ऐसे अदीब होते हैं।

मखदूम मुहीउद्दीन

 आप की याद आती रही रात भर आप की याद आती रही रात भर चस्मे-नम मुस्कुराती रही रात भर रात भर दर्द की शमा जलती रही गम की लौ थरथराती रही रात भर बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा याद बन बन के आती रही रात भर याद के चाँद दिल में उतरते रहे चाँदनी जगमगाती रही रात भर कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा कोई आवाज आती रही रात भर