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Showing posts from March, 2014

Sapne hain aankho me

Sapne hain aankho me  magar nind kahi aur hai Dil to hai jism me magar  dhadkan kahi aur hai Kaise bya kare apna   hal-e-dil Jee to rahe hai magar  zindgi kahi aur hai....

​दिल में अब यूँ तेरे

​दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते है; ​जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते है​; ​​रक़्स-ए-मय तेज़ करो, साज़ की लय तेज़ करो​;​ सू-ए-मैख़ाना सफ़ीरान-ए-हरम आते है​;​ ​और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो ​;​ दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते है​;​ इक इक कर के हुये जाते हैं तारे रौशन ​;​ मेरी मन्ज़िल की तरफ़ तेरे क़दम आते है​;​ ​कुछ हमीं को नहीं एहसान उठाने का दिमाग; ​वो तो जब आते हैं माइल-ब-करम आते है। ​

रची है रतजगो की चाँदनी

रची है रतजगो की चाँदनी जिन की जबीनों में; क़तील एक उम्र गुज़री है हमारी उन हसीनों में; वो जिनके आँचलों से ज़िन्दगी तख़लीक होती है; ढड़ाकता है हमारा दिल अभी तक उन हसीनों में; ज़माना पारसाई की हदों से हम को ले आया; मगर हम आज तक रुस्वा हैं अपने हमनशीनों में; तलाश उन को हमारी तो नहीं पूछ ज़रा उन से; वो क़ातिल जो लिये फिरते हैं ख़न्जर आस्तीनों में।

Tumhe kya pata

Tumhe kya pata kitni haseen ho tum, Dekhne ko tarasti hain nazrein jise wo naaz neen ho tum, Haya chanchalta koi sikhe tumse, Nazroon main samaana dil ko churana koi sikhe tumse, Hum to Ghayal hain teri adaaoon ke koi adaa banana sikhe tumse, Bin nashe ke jo nasha kr de aisi dil nasheen ho tum, Kasam us khuda ki itni haseen ho tum, Jaan se jayaada chaha hai isiliye jaan nseen ho tum, aur pucho is dil se ki kitni haseen ho tum….

पलकों में आँसु

पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है, हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है, ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम, जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है..!!

to kya baat thi.

jaise chahte the hum unhe...vo bhi hamein chahte to kya baat thi... pane ka arman to tha...bin maange mil jate to kya baat thi... is dil mein pyar tha itna... vo jaan lete to kya baat thi... hum ne manga tha unko khuda se...wo bhi hamien maang lete to kya baat thi..

खुदा से भी पहले

खुदा से भी पहले तेरा नाम लिया है मैंने; क्या पता तुझे कितना याद किया है मैंने; काश सुन सके तू धड़कन मेरी; हर सांस को तेरे नाम से जिया है मैंने।

Hukum Tera Hai To

Hukum Tera Hai To Takmeel Kiye Dete Hai Zindagi Hijar Me Tehleel Kiye Dete Hai Tu Meri Vasl Ki Khuwahish pe Bigarta Q Hai Raasta Hi To Hai, chalo Tabdeel Kiye Dete Hai Aaj Sab Ashko ko Aankho k Kinaare pe Bulao Aaj Is Hijar ki Hum Takmeel Kiye Dete Hai Hum Jo Hanste Hoye Ache Nahi Lagte Tum ko Hukm Karo Aankhe Abhi Jheel Kiye Dete Hai.

बदला न अपने आपको

बदला न अपने आपको जो थे वही रहे; मिलते रहे सभी से अजनबी रहे; अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी; हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे; दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम; थोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहे; गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो; जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे; हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है; रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे।

कठिन है राहगुज़र

कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो; बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो; तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है; मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो; नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं; बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो; ये एक शब की मुलाक़ात भी ग़नीमत है; किसे है कल की ख़बर थोड़ी दूर साथ चलो; अभी तो जाग रहे हैं चिराग़ राहों के; अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो; तवाफ़-ए-मन्ज़िल-ए-जानाँ हमें भी करना है; 'फ़राज़' तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो।

दिल को किसी आहट की

दिल को किसी आहट की आस रहती है; निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है; तेरे बिना ज़िंदगी में कोई कमी तो नहीं; लेकिन फिर भी तेरे बिना ज़िदगी उदास रहती है।

प्यास वो दिल की...

प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं; कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं; बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगी; एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं; रोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देने; आज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहीं; सुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर ने; वो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहीं; तुम तो शायर हो क़तील और वो इक आम सा शख़्स; उस ने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं।

महिला दिवस

कोमल है तू कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है सतियों के नाम पे तुझे जलाया, मीरा के नाम पे जहर पिलाया, सीता जैसे अग्नि परीक्षा जग में अब तक जारी है कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है इल्म हुनर में .... दिल दिमाग में किसी बात में कम तो नहीं पुरुषो वाले ... सारे ही अधिकारों की अधिकारी है, कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है... बहुत हो चुका ..... अब मत ना सहना तुझे इतिहास बदलना है नारी को कोई कह ना पाए ... अबला है, बेचारी है कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है, कोमल है तू कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है

Wafa Ki Aag Mein

Wafa Ki Aag Mein Jo Khud Ko Jala Deta, Unse Mohabbat Ka Main Rishta Nibha Deta, Aaj Agar Unki Galiyon Mein Jata Toh, Unki Yaadon Ko Aakhir Jawaab Kya Deta, Khanzar Utarti Thi Tanhai Jis Dil Mein, Agar Mujhe Kehte Haan, Toh Khud Ko Mita Deta, Banzar Padi Hai Mohabbat Ki Dharti Bhi, Eh Sanam, Kash Chale Jaane Ke Baad, Unko Bhula Deta, Bewafa Ne Agar Ek Moka Diya Hota, Zamaane Ko Bhi Main Mohabbat Sikha Deta…

हुई शाम यादों

जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे हज़ारों तरफ़ से निशाने लगे हुई शाम यादों के इक गाँव में परिंदे उदासी के आने लगे घड़ी दो घड़ी मुझको पलकों पे रख यहाँ आते-आते ज़माने लगे कभी बस्तियाँ दिल की यूँ भी बसीं दुकानें खुलीं, कारख़ाने लगे वहीं ज़र्द पत्तों का कालीन है गुलों के जहाँ शामियाने लगे पढाई-लिखाई का मौसम कहाँ किताबों में ख़त आने-जाने लगे