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नहीं कुछ इसकी पुर्सिश

नहीं कुछ इसकी पुर्सिश उल्फ़ते-अल्लाह कितनी है,
यही सब पूछते हैं आपकी तनख़्वाह कितनी है ।
-अकबर इलाहाबादी
[(पुर्सिश = पूछताछ), (उल्फ़ते-अल्लाह = ईश्वर प्रेम)]

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