तेरे बिना हर एक रात हम पे भारी है,
करवटें बदल बदल के हमने रात गुजारी है।
खवाबो ने तो रुखसती ले ही ली थी,
अब नींद तुम्हारी बारी है।
एक तुम्हारे इंतजार में पलकों पे सितम जारी है,
आज तो कट गयी अब कल की तैयारी है।
करवटें बदल बदल के हमने रात गुजारी है।
खवाबो ने तो रुखसती ले ही ली थी,
अब नींद तुम्हारी बारी है।
एक तुम्हारे इंतजार में पलकों पे सितम जारी है,
आज तो कट गयी अब कल की तैयारी है।
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